Courtesy: Sri. Brajesh pathK
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*पापान्निवारयति योजयते हिताय*
*गुह्यंच गुहति गुणान् प्रगटी करोति।*
*आपद्गतं न जहाति ददाति काले*
*सन्मित्र लक्षणमिदं प्रवदन्ति सन्ता: ।।*
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भावार्थ ― *अपने मित्र को पाप से बचाना, अच्छे कार्य में लगाना, उसकी गोपनीय बातों को छिपाना और अच्छे गुणों को प्रकट करना, दु:ख में मित्र का साथ न छोड़ना, समय पर सहायता करना आदि मित्र के उत्तम लक्षण सन्तों ने बताये हैं।*
शिक्षा ― *मित्रता यदि करे तो कभी मित्र को संकट काल में न त्यागे न उसकी बुराई करे।*
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*To save his friend from sin, to put it in good work, to conceal his confidential things and to reveal good qualities, not to leave a friend in grief, to help on time, etc. The best qualities of friend have been told by saints.*
Education - *If you do friendship, do not leave a friend in crisis or do bad things.*
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*आपका आज का दिन मंगलमय रहे।*
*🙏🌹🚩सुप्रभातम्🚩🌹🙏*
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