Friday, April 27, 2018

Desire is like an ocean - yajur vedaSanskrit

*🌼 सुभाषितामृतम् 🌼*

समुद्र इव कामः न वै कामस्य अन्तोsस्ति, न समुद्रस्य।
              - तैत्तिरीय ब्राह्मण २.२.५.६
— इच्छा समुद्र की तरह होती है। इच्छा का कोई अन्त नहीं,और न ही समुद्र का।

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