*सर्वेभ्यो नमो नमः🌺🙏🏻सुप्रभातम् च*🌺🌹
🔔🔔🔔🔔🔔🔔🔔🔔🔔🔔🔔
*यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रियाः।*
*चित्ते वाचि क्रियायां च साधुनामेकरूपता॥*
🔔🔔🔔🔔🔔🔔🔔🔔🔔🔔🔔
*भावार्थ -* जो चित्त (मन) में हो वही वाणी से प्रकट होना चाहिए और जो वाणी से प्रकट हो उसके अनुरूप ही कार्य करना चाहिए।जिनके मन में कुछ और, वाणी पर कुछ और तथा क्रिया में कुछ और ही होता है, उन्हें ही असज्जन या असंत कहा गया है एवम् जिनके चित्त, वाणी और कर्म में एकरूपता होती है वही साधुजन, सन्त या सज्जन होते हैं।
🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚
*अद्यतन दिवसः सर्वेषाम् कृते शुभम् भूयात्*🌷🌷
🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚
No comments:
Post a Comment