Wednesday, October 30, 2013

Jaya Deva Jaya Sadgurunatha

 
 

जय देव जय देव जय सद्गुरुनाथ श्री सद्गुरुनाथ
श्री भारतीतीर्थ गुरुसार्वभौम जय देव जय देव ॥धु०॥

वर्जितविषयकलाप दुर्जनसुदुराप
दूरीकृतनतपाप सच्चित्सुखरूप ॥

पूजितपन्नगभूषण प्रज्ञाजितधिषण
मुखनिर्धुततरुणारुण भक्तेषु सकरुण ॥

वीक्षालवहृतलोकालघुदुःसहशोक
शङ्करगुरुवरपूजक कृतनतजनभवुक ॥

परशिवपरावतार गतसर्वविकार
मुनिजनहृदयविहार कृतभुवनोद्धार ॥

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