Wednesday, April 23, 2025

Sanskrit conversation is shoe shop

जूता दूकान में
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जितेन्द्र = क्या आप एक्शन कम्पनी का कपड़े का जूते बेचते हैं ?
(अपि भवान् एक्शन इति नाम्नः पटोपानहं विक्रीणाति ?)
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दुकानदार= हां,महाशय।आपको किस नाप के चाहिए ?और आपको कौन-सा रंग पसंद है?
(आपणिक: = आम्।महाशय! भवते किं मानम् आवश्यकम्?तथा भवते किं वर्णं रोचते ?)
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जितेन्द्र= मुझे छह नम्बर के चाहिए।और जहां तक रंग की बात है , मुझे काला रंग पसंद है।
= ( मह्यं षट्संख्यकम् आवश्यकम्।यतो रङ्गस्य प्रश्नस्य प्रश्नोऽस्ति , मह्यं कृष्णवर्णं इष्टम् ।)
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दुकानदार = यह रही आपकी पसंद।
(तवेष्टा अत्रास्ति)
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जितेन्द्र =आह!यह जूता जरा टाइट हो रहा है ।
(अह!एतद् उपानहद्वयं तु किञ्चित् निबिडयति)
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दुकानदार = ठीक है। और दूसरा जोड़ा देखिए।
(अस्तु।इतोऽपि अन्यम् उपानहद्वयं परीक्ष्य अवलोकयतु।)
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जितेन्द्र = बहुत अच्छा।यह जूता तो मेरे पैर में अच्छी तरह से फिट बैठ रहा है।इस जोड़े की कीमत क्या है?
(शोभनम्।एतत् उपानहद्वयं तु मम पादाभ्यां पूर्णतया उपयुक्तम्।एतस्य उपानहद्वयस्य मूल्यं किम् ?)
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दुकानदार = बस पांच सौ साठ रुपए।
(केवलानि षष्ट्याधिकं पञ्चशातानि रुप्यकाणि।)
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जितेन्द्र = ठीक है।इसे पैक कर दीजिए।
(अस्तु।एनं पोट्टलीकरोतु)

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